वाह रे बोइर, वाह का गजब ढाये।
लाली प्यूरी रूप देखा के, सब ल पास बुलाये।।
टुरी-टुरा लइका सियान सबो भीड़ लगाए।
कोकी-कोकी तोर काटा, ले सबो डराए,
फिर तोर मोह में सब तीर में आये।।
अजब गजब तोर मिठास हे, मुह में पानी आये।
तोर रूप ह सबो ल लुभाय हे,
तोला खाय बर शहर तड़प जाए।।
तोला खाय ले पेट साफ हो जाय।
वाह रे बोइर का गजब ढाये।।
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सही बात हरे संगवारी हो
ReplyDeleteअति सुन्दर
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