चन्नी कस छेदा-छेदा चीला रोटी ताय जी।
गुलगुलहा चीला सब मिल के खाय जी।।
हरेली तिहार में सबो घर बनाय जी।
नागर तुतारी के संग में बइला ल खिलाय जी।।
नुन्हा अऊ गुडहा दुये टन ताये जी।
नुन्हा चीला पताल चटनी में अड़बड़ मिठाय जी।।
जेन खाय येला येखर दीवाना हो जाये जी।
चन्नी कस छेदा-छेदा चीला रोटी ताय जी।।
हमार दाई अपन मया मिला के येला बनाये जी।
चन्नी कस छेदा-छेदा चीला रोटी ताय जी।।
रामेश्वर साहू
गुलगुलहा चीला सब मिल के खाय जी।।
हरेली तिहार में सबो घर बनाय जी।
नागर तुतारी के संग में बइला ल खिलाय जी।।
नुन्हा अऊ गुडहा दुये टन ताये जी।
नुन्हा चीला पताल चटनी में अड़बड़ मिठाय जी।।
जेन खाय येला येखर दीवाना हो जाये जी।
चन्नी कस छेदा-छेदा चीला रोटी ताय जी।।
हमार दाई अपन मया मिला के येला बनाये जी।
चन्नी कस छेदा-छेदा चीला रोटी ताय जी।।
रामेश्वर साहू
बढ़िया जी,,,
ReplyDeleteBahut sundar
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