सुरता आथे मोला स्कूल के दिन।
स्कूल के वो पहली दिन।।
नई जावन स्कूल बस्ता झोला बिन।
गुरु जी ल देख के भाग जाय सब नींद।।
बिहनियां ले उठ के खावन तीन दिन के बासी।
तभो तीर नई आवये हमर सर्दी, बुखार अऊ खाशी।।
स्कूल रददा के वो चिखला, तालाब के वो बिछ्ला।
गुरुजी के वो बेशरम के डंडा, पड़ते ही हो जाय ठण्डा।।
सँगवारी मन के संग वो मस्ती, घूमना-फिरना बस्ती-बस्ती।
कम उम्र के लइका फेर रहेन बहुत बड़े हस्ती।।
गुरुजी के डर में सु-सु लागय छीन-छीन।
सुरता आथे मोला स्कूल के दिन।।
स्कूल के वो पहली दिन।।
नई जावन स्कूल बस्ता झोला बिन।
गुरु जी ल देख के भाग जाय सब नींद।।
बिहनियां ले उठ के खावन तीन दिन के बासी।
तभो तीर नई आवये हमर सर्दी, बुखार अऊ खाशी।।
स्कूल रददा के वो चिखला, तालाब के वो बिछ्ला।
गुरुजी के वो बेशरम के डंडा, पड़ते ही हो जाय ठण्डा।।
सँगवारी मन के संग वो मस्ती, घूमना-फिरना बस्ती-बस्ती।
कम उम्र के लइका फेर रहेन बहुत बड़े हस्ती।।
गुरुजी के डर में सु-सु लागय छीन-छीन।
सुरता आथे मोला स्कूल के दिन।।
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अश्वनी साहू |
Cg. Bahut hi Sundar Kavita
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