*😷कोरोना के रोना😷*
👾👾👾👾👾🥶👾👾👾👾👾
💩का होगे छाये हे दुनियां म,
कोरोना के कहर।
जो कहत हव बात सही हे,
काबर लागत हे जहर।
😍खुश रहव घर म,
झन जाव कोनो डहर।
नई लागत हे गांव-गली,
अऊ न कोनो शहर।
😴अब का होही दुनियां के,
चलत हे यही लहर।
बचाही अब कोन दुनियां ल,
झेलव अब प्रकृति के कहर।
🧐लहर-तहर एको नजर,
सब कहत हे हमरो डहर।
कुकरी मिलत हे सस्ता,
हो सकत हे कोरोना के असर।
😤दुनियां के जम्मो काम पड़गे थंडा,
जम्मो डहर दिखत हे असर।
सर्दी-खाँसी होही तो डॉक्टर ल बताव,
बचे बर झन छोडहु कोनो कसर।
🤽🏻♂ये जिनगी के मोह ह दरावत हे,
अऊ का-का करावत हे।
जउन कभु पानी नई पूछय,
साबुन म हाथ धोवावत हे।
😭आज जम्मो कहत हे,
काय कोरोना-ऐ जउन रोवावत हे।
दारू के ठेका खोलवा के,
स्कूल-कॉलेज बन्द करावत हे।
🌧ये साले कोरोना ह,
दुनियां ल मिटाय बर लगाये हे बानी।
प्रकृति घलो आज बइरी होगे,
गिरावत हे रुक-रुक के पानी।
🙊अति तो दोहन करे हे प्रकृति के,
तभे तो याद दिलावत हे सबके नानी।
☠☠☠☠👽☠☠☠☠
😱🤯अशवनी साहू🤯😱
👾👾👾👾👾🥶👾👾👾👾👾
💩का होगे छाये हे दुनियां म,
कोरोना के कहर।
जो कहत हव बात सही हे,
काबर लागत हे जहर।
😍खुश रहव घर म,
झन जाव कोनो डहर।
नई लागत हे गांव-गली,
अऊ न कोनो शहर।
😴अब का होही दुनियां के,
चलत हे यही लहर।
बचाही अब कोन दुनियां ल,
झेलव अब प्रकृति के कहर।
🧐लहर-तहर एको नजर,
सब कहत हे हमरो डहर।
कुकरी मिलत हे सस्ता,
हो सकत हे कोरोना के असर।
😤दुनियां के जम्मो काम पड़गे थंडा,
जम्मो डहर दिखत हे असर।
सर्दी-खाँसी होही तो डॉक्टर ल बताव,
बचे बर झन छोडहु कोनो कसर।
🤽🏻♂ये जिनगी के मोह ह दरावत हे,
अऊ का-का करावत हे।
जउन कभु पानी नई पूछय,
साबुन म हाथ धोवावत हे।
😭आज जम्मो कहत हे,
काय कोरोना-ऐ जउन रोवावत हे।
दारू के ठेका खोलवा के,
स्कूल-कॉलेज बन्द करावत हे।
🌧ये साले कोरोना ह,
दुनियां ल मिटाय बर लगाये हे बानी।
प्रकृति घलो आज बइरी होगे,
गिरावत हे रुक-रुक के पानी।
🙊अति तो दोहन करे हे प्रकृति के,
तभे तो याद दिलावत हे सबके नानी।
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😱🤯अशवनी साहू🤯😱
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