❤❤🌹❤❤
देख लिया तुमसे दूर रहकर,
भटकता रहा गलियारों में।
जब भी आया ख्याल मरने का मन मे,
सम्भाल लिया मेरे यारो ने।
क्यो नही समझ पाया मुझसे,
दूर जाने के तुम्हारे इशारो को।
बहुत समझाया लोगो ने मुझे,
पर मैने गलत समझा उन बिचारो को।
अंधा हो गया था मैं
कुछ इस तरह तेरी मोहब्बत में।
तुम कहती रही कुछ और,
जो देख न सका डूबकर मेरी आँखों ने।
तुम तो आजाद हो गई,
जो चली गई मुझे छोड़कर।
मत आना वापस कभी मेरी जिंदगी में,
जो गई हो जहर घोलकर।
आज तोड़ दिया हमने भी सारे कस्मे,
जिस तरह तुमने मुझको तोड़ा।
आना मत वापस छोड़ दिया हमने तुमको,
जैसे तुमने मुझको छोड़ा।
जैसे तुमने मुझको छोड़ा।
छोड़कर जो गई हो मुझे,
देखना बहुत पछ्ताओगी एक दिन।
जीना चाहते थे पूरी जिंदगी तुम्हारे साथ,
लेकिन अब जी लेंगे तुम्हारे बिन।
🌹🌹😢🌹🌹😥🌹🌹
🌹अशवनी साहू🌹
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