🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂🙅♂
अरे! हम मरते है इस वतन पे,
तू किसपे मरता है।
मौत तो सबकी निश्चत है,
फिर किस बात से डरता है।
करना ही है प्यार अगर तुम्हें,
तो अपने वतन की मिट्टी से करो।
सचमुच देना चाहतो हो जान,
तो अपने वतन के खातिर मरो।
जो लड़ते हो घर मे लड़ाई,
वो तो बेवजह है।
लड़ना है तो सरहद पर चलो,
उसका अपना अलग ही मजा।
यू न बैठो तुम निठ्ठलो की तरह,
यही तो सबसे बड़ी सजा है।
सिर कटा दो इस देश के खातिर,
जिसकी पहचान ये तीन रंग की ध्वजा है।
यू शांत न होने देना तुम,
अपने अंदर की आग।
यही सही समय है जवान,
देश की रक्षा के लिए जाग।
तुमसे जो टकराये दुश्मन ,
तो हो जाये उसका खाक।
देखकर तुम्हारे जोश को,
हर दुश्मन खड़े हो भाग।
🙅♂👨🏻🚀🙅♂
👮 रामेश्वर साहू 👮
अरे! हम मरते है इस वतन पे,
तू किसपे मरता है।
मौत तो सबकी निश्चत है,
फिर किस बात से डरता है।
करना ही है प्यार अगर तुम्हें,
तो अपने वतन की मिट्टी से करो।
सचमुच देना चाहतो हो जान,
तो अपने वतन के खातिर मरो।
जो लड़ते हो घर मे लड़ाई,
वो तो बेवजह है।
लड़ना है तो सरहद पर चलो,
उसका अपना अलग ही मजा।
यू न बैठो तुम निठ्ठलो की तरह,
यही तो सबसे बड़ी सजा है।
सिर कटा दो इस देश के खातिर,
जिसकी पहचान ये तीन रंग की ध्वजा है।
यू शांत न होने देना तुम,
अपने अंदर की आग।
यही सही समय है जवान,
देश की रक्षा के लिए जाग।
तुमसे जो टकराये दुश्मन ,
तो हो जाये उसका खाक।
देखकर तुम्हारे जोश को,
हर दुश्मन खड़े हो भाग।
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👮 रामेश्वर साहू 👮
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