ना तेरा कोई ईलाज है, ना है कोई दवाई,
ऐ-इश्क !
ऐ-इश्क !
तेरे टक्कर की बीमारी है आई।
संयम से घर पर रहने में, है सबकी भलाई।
बेवजह निकले सड़क पे तो,
बेवजह निकले सड़क पे तो,
जिंदगी से होगी विदाई।
ऐ! धर्म के ठेकेदारों जरा संभलो नही रहेगी खूदाई,
आपस मे दूरी बनाकर रहो,
आपस मे दूरी बनाकर रहो,
कोरोना है आई।
सावधान रहना है हम सबको,
ना सहनी पड़े अपनो की जुदाई,
छुए किसी भी चीज को, तो साबुन करे धुलाई।
छुए किसी भी चीज को, तो साबुन करे धुलाई।
देश के योद्धाओं ने, हमारी सुरक्षा के इंतजाम है लगाई,
हराना के दिखाना है कोरोना को,
हराना के दिखाना है कोरोना को,
देश के शान की बात है भाई।
*^अशवनी साहू^*
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