🌹 *छत्तीसगढ़ के माटी* 🌹
जय हो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी,
चीर देखाये तै अपन छाती।
तोर ले हावय, दिया संग बाती,
जय हो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।
खेलथे जिहा बबा संग नाती,
कुद-कुद के भौरा बाटी।
इहि माटी ले बने हे, हाथी अऊ चांटी,
बड़ अनमोल हे, संगी छत्तीसगढ़ के माटी।
जनम-जनम के, संग देवइया हे साथी,
मर के मिल जबो, बन जबो माटी।
पांव के पहिरे म बने लागथे साटि,
खेले म मजा आथे, छबाते जब चिखला-माटी।
राऊत कका जाथे, चराय बर धर के लाठी,
चिल्ला के कहिथे, नई दिखय तोर आँखी।
ये धरती के गोदी म, बसे हे कई जाति,
मैं तोला नवा-वव माथा, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।
🎍🎍🌻🌻🎍🌵🎍🌻🌻🎍🎍
🌵🌻🌵अशवनी साहू🌵🌻🌵
जय हो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी,
चीर देखाये तै अपन छाती।
तोर ले हावय, दिया संग बाती,
जय हो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।
खेलथे जिहा बबा संग नाती,
कुद-कुद के भौरा बाटी।
इहि माटी ले बने हे, हाथी अऊ चांटी,
बड़ अनमोल हे, संगी छत्तीसगढ़ के माटी।
जनम-जनम के, संग देवइया हे साथी,
मर के मिल जबो, बन जबो माटी।
पांव के पहिरे म बने लागथे साटि,
खेले म मजा आथे, छबाते जब चिखला-माटी।
राऊत कका जाथे, चराय बर धर के लाठी,
चिल्ला के कहिथे, नई दिखय तोर आँखी।
ये धरती के गोदी म, बसे हे कई जाति,
मैं तोला नवा-वव माथा, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।
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🌵🌻🌵अशवनी साहू🌵🌻🌵
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