गर धरती पर जल है,
चेहरे पे मुस्कान लिया होगा,
चेहरे पे मुस्कान लिया होगा,
तो जीवन मे आज-कल है।
इसके बिना दुनियां मरुस्थल है,
जल के बिन प्यासा हर पल है।
पीने के लिये पानी है आज,
कुआं तो नही है पर,
कुआं तो नही है पर,
कही मोटर तो कही पर नल है।
प्यास से तड़प रहा है,
पानी से भरा समन्दर,
क्योकि पीने के लिए कम जल है।
व्यर्थ न बहाएं संग्रह करे जल,
नई पीढ़ी का जीवन,
बेहतर होगा कल।
सुख जो गया पृथ्वी से जल,
मच जाएगा हाहाकार,
बन्द हो जाएगा धरती पर हलचल।
🌹अशवनी साहू🌹
बहुत सुन्दर
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