जब भी जला पेट भूख से ,
मुझे याद आई चूल्हे की रोटी।
पड़ा था बीमार होकर बिस्तर में,
तो जान बचाई चूल्हे की रोटी।
अमीर खाते है भर-भर पेट,
गरीबो को नही मिलता चूल्हे की रोटी।
हर कोई करता है मेहनत,
सिर्फ खाने के लिए चूल्हे की रोटी।
गरीबो को लूटकर दलालो ने,
खाई है चूल्हे की रोटी।
🍪🍪🍪🍪🍪🍪🍪🍪
🌹🍪अशवनी साहू🍪🌹
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