तोर-मोर मिलन रहिस
गोरी भगवान के इच्छा।
आज दुनियां वाले मन मांगत हे,
हमर मया के परीक्षा।
बइठे हावय समाज गोरी,
पुरा होही शिक्षा।
चल तइयार हो,
जाबो देबर मया के परीक्षा।
ये तोर शहर नोहय गोरी,
आय हमर गांव देहात।
बताय बर लगही दाई-ददा के नाम,
अऊ पुछही तोर जात।
आज तोला मौका हे गोरी,
बता इंसानियत बड़े होथे न कि जात।
मया म सब बराबर हे,
एमा छोटे बड़े के नइहे कोनो बात।
जब इंसान ही नई रही तो,
कहा रही ये जात-समाज।
अब समय बहुत बदल गे हे,
सोच बदले के जरूरत हे आज।
रक्षा करबो एक-दूसर के,
तभे बनही एक भव्य समाज।
मानवता ल सिराय ले बचाना हे,
नही तो खत्म हो जाही ये समाज।
दुनियां में कही नई रहय,
रही मया के शिक्षा।
लागत हे गोरी आज सफल हो जाहि,
तोर मया के परीक्षा।
🌹अशवनी साहू🌹
Comments
Post a Comment
Thank you for comment