महीना आ गया शादी-ब्याह का,
उम्र हो गई शादी लायक गुड्डे-गुड़िया का।
उम्र हो गई शादी लायक गुड्डे-गुड़िया का।
चल पड़ी है टोली उसके घर दीदार के लिए,
ढूंढने को जीवन साथी मेरे यार के लिए।
ना मैंने उनको देखा ना उसने मुझको देखा,
उसका लिखा है जो मिल गई हमारी हाथों की रेखा।
उसके हा की खबर से मेरे चेहरे की मुस्कान खिल गई,
जिनको बनाया था खुदा ने मेरे लिए वो मुझे मिल गई।
जिनको बनाया था खुदा ने मेरे लिए वो मुझे मिल गई।
बहुत सुन्दर
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