यहां हम मुसाफिर है यारो,
ना घर है ना ठिकाना।
मुस्कुराते हुए इस जहाँ में,
बस है सबको चलते जाना।
जीवन की इस राह में,
बदलते रहेंगे ठिकाना।
कभी यहां है रहना तो,
कभी उस जहाँ में है जाना।
मुश्किलें हजार आयेंगी जीवन मे,
तुम ऐसे ना बदलो ठिकाना।
सामना कर लिये जो हिम्मत से,
खुशियों से भरा होगा आशियाना।
बहुत बढ़िया
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