तुम्हे पाने की जो देखा था,
वो सपना अधूरा रह गया।
होने वाला था पुरा सपना,
उसको अधूरा कर गया।
तुमको पाना जैसे मेरे लिए,
चाँद को पाना था।
तू तो मेरे लिए प्यार से,
भरा हुआ कोई खजाना था।
हर पल सोते जागते देखता था,
बस तुम्हे पाने का अधूरा सपना।
अकेला सा हो गया हूँ तुम्हारे,
प्यार में नही है कोई अपना।
दुवा है ऊपर वाले से तुम खुश,
रहो हमेशा चाहे अधूरा रहे सपना।
तुम आसमान की चाँद,
मैं जमी का तारा।
लगता है कि सच मे,
रह जायेगा अधूरा सपना हमारा।
**अशवनी साहू**
वो सपना अधूरा रह गया।
होने वाला था पुरा सपना,
उसको अधूरा कर गया।
तुमको पाना जैसे मेरे लिए,
चाँद को पाना था।
तू तो मेरे लिए प्यार से,
भरा हुआ कोई खजाना था।
हर पल सोते जागते देखता था,
बस तुम्हे पाने का अधूरा सपना।
अकेला सा हो गया हूँ तुम्हारे,
प्यार में नही है कोई अपना।
दुवा है ऊपर वाले से तुम खुश,
रहो हमेशा चाहे अधूरा रहे सपना।
तुम आसमान की चाँद,
मैं जमी का तारा।
लगता है कि सच मे,
रह जायेगा अधूरा सपना हमारा।
**अशवनी साहू**
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