मन उनसे मिलने की
तड़प आग सी जल रही,
न कही पर मिल रही
कोई प्रेम शांति है,
न रोको तुम प्रेमियों को,
प्रेम एक क्रांति है।
तड़प आग सी जल रही,
न कही पर मिल रही
कोई प्रेम शांति है,
न रोको तुम प्रेमियों को,
प्रेम एक क्रांति है।
चल पड़ा है प्रेम की राह में,
दोनों एक-दूसरे से मिलने को,
रुकावट मत बनो इनके राह में,
प्रेम की आग को डिलने को,
न कर कोशिश तू इनके
प्रेम में फैलाने को भ्रांति,
न रोको तुम प्रेमियों को,
प्रेम एक क्रांति है।
दोनों एक-दूसरे से मिलने को,
रुकावट मत बनो इनके राह में,
प्रेम की आग को डिलने को,
न कर कोशिश तू इनके
प्रेम में फैलाने को भ्रांति,
न रोको तुम प्रेमियों को,
प्रेम एक क्रांति है।
अशवनी कुमार साहू *ऑस्टीन*
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