ईतनी जल्दी भी क्या है ? तुम्हे जाने की,
यही तो उम्र और वक्त है प्रेम गीत गाने की।
अपने हिरणी जैसी आँखों मे तुम सपने सजा लो,
यही तो समय है अपने प्रेमी की बाहों सो जाने की।
कुछ पल ही तो हुआ है तुमको मेरे पास आये हुए,
कुछ पल तो ठहरो पास इतनी जल्दी क्या है तुमको जाने की।
लगता है तुम्हारी आदत सी हो गई है मुझे यू ही रुलाने की,
मेरे आंखों में आंसू देख तेरे दिल को खुश हो जाने की।
अशवनी कुमार साहू*ऑस्टीन*
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