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कब ऐसा चाहा मैंने,

कब ऐसा चाहा मैंने, 
     
  कि तुम रुठ जाओ,

न जाने तुमको किस बात पर आता है गुस्सा जो रुठ जाती हो,
चाहता हूँ मैं तुमको जितना करीब रखना तुम उतना दूर जाती हो।

तुम यू सताया करो मुझे तुम मेरी जिंदगी तुम ही मेरी जहान हो,
तुम्हारी हर गलती को नजरअंदाज किया क्योंकि तुम ही मेरी जान हो।


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🏄🏻🏄🏻

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