देश के जम्मो गांव-गली जम्मो शहर अऊ टाऊन, होगे हावय सुन्ना चलत हे देश म लॉकडाऊन। आये हे भयंकर महामारी डरे हे कोना-कोना, एक-दूसर ल छुये म होथे नाम हे कोरोना। ऐखर ले छुटकारा पाये बर रखना हे सामाजिक दूरी, कखरो बर अच्छा हे कखरो बने हावय मजबूरी। जम्मो डहर चहल-पहल रहय, रहय भीड़-भाड़, नजर भर देख डारेवं कोनो नइहे दिखत हे अकेला सांड। दिन-रात जाग-जाग के बड़ चान्दी-सोना, जम्मो अपन घर मे सुरक्षित रहव आये हे कोरोना। कोरोना के आये ले अऊ जम्मो बीमारी बिसर गे, दुनियां के धोवई होके जम्मो चुक-चुक ले निखर गे। दुनियां के जम्मो नेता कहत हे घर म रहव बाहिर हे कोरोना, रोज नवां-नवां वादा करत हे जेखर ले गरीब के हे रोना। *अशवनी साहू*
जय जोहार राम-राम