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Showing posts from March, 2020

तेरे टक्कर की बीमारी है आई।

ना तेरा कोई ईलाज है, ना है कोई दवाई,                    ऐ-इश्क !        तेरे टक्कर की बीमारी है आई। संयम से घर पर रहने में, है सबकी भलाई।           बेवजह निकले सड़क पे तो,              जिंदगी से होगी विदाई। ऐ! धर्म के ठेकेदारों जरा संभलो नही रहेगी खूदाई,                आपस मे दूरी बनाकर रहो,                      कोरोना है आई। सावधान रहना है हम सबको,            ना सहनी पड़े अपनो की जुदाई, छुए किसी भी चीज को, तो साबुन करे धुलाई। देश के योद्धाओं ने, हमारी सुरक्षा के इंतजाम है लगाई,                   हराना के दिखाना है कोरोना को,               देश के शान की बात है भाई।             ...

लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी।

न आस कम है न प्यास कम है जिंदगी में, आज वक्त फिसलता जा रहा है क्योंकि। लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी। यू तो बहुत हुई बारिश जिंदगी, पर मेरी प्यास न बुझा सकी क्योकि। लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी। दूर से अलग दिखता है, जीवन का मरुस्थल क्योकि। लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी। आंखों का धोखा रेगिस्तान में, दूर से पानी का दिखना क्योकि। लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी। बुझा न सका प्यास समुंदर भी, अपने अंदर रख के क्योकि। लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी। कोशिश की बहुत सी नदियों ने, बहा लिया अपने साथ क्योकि। लगता है रेत सी हो गई है जिंदगी।                 🍸🍸🍸🍸🥃🍸🍸🍸🍸               🥃🍸🥃अशवनी साहू🥃🍸🥃

मेरा फोन।

तुम कहती थी रोज, कि हम आपके है कौन। खत्म हुआ घडी इंतजार का, लो आ गया मेरा फोन। वो दीवानी थी मेरी, जिसको लग गया फोन। फोन उठाकर बोली पगली, हैलो आप कौन। तो हमने भी कह दिया, पहचानी नही मुझे। मैं तुम्हारा आशिक, चाहने वाला और कौन। सुनते ही आशिक शब्द, बोली नम्बर है अननोन। मोहब्बत है तुमको, इसलिये उठा लिया मेरा फोन। पता नही दे सकती घर का, तो बुला लो अपना होम। सारी शिकायत दूर हो जायेगी, नही लाऊंगा कोई फोन। अगली बार कॉल मत करना, यही कहा नही लिया है लोन। चुका दे प्यार की पहली किस्त पगली, नही आएगा फोन।                  🎍🎍🎍🎍🌹🎍🎍🎍🎍                     🙏🌹अशवनी साहू🌹🙏

अऊ आगु बढ़ी

हमर भाखा हमर बोली हावय भईया छत्तीसगढ़ी। एतका दिन ले जइसे आगु बडिस, अभी अऊ आगु बढ़ी। श्री मुकुरधर जइसे कविता लिखही, वीर नारायण जइसे लड़ही। बदलत हे बेरा संगी, छत्तीसगढ़ अभी अऊ आगु बढ़ी। पढ़े-लिखे हे आज जम्मो इहाँ, नइहे कोनो अढहा-अढही। सँस्कृत, हिंदी-अंग्रेजी पढ़, अभी अऊ आगु बढ़ी। अविश्वसनीय हे हमर छत्तीसगढ़ भैया, नवा छत्तीसगढ़ गड़ही। भिलाई  स्टील, कोरबाराय के संग, अभी अऊ आगु बढ़ी। सब कुछ हावय इहाँ संगी, तो काबर कखरो ले डरहीं। जंगल-सफारी अऊ कानन के संग, अभी अऊ आगु बढ़ी। रतनपुर, डोंगरगढ़ चारो दिशा ले देवी-देवता रक्षा करही। पर्यटन अऊ तीर्थ स्थल के संग, अभी अऊ आगु बढ़ी।                   🏯🏯🏯🏟🚊🏟🏯🏯🏯                      🎍🌹अशवनी साहू🌹🎍

थी बस तेरी आहट।

तुमको मैं भुला न सका, ये थी मेरी चाहत। नजर उठा के देखा तो, थी बस तेरी आहट। हमेशा याद आती है, मुझे तेरी होठों की मुस्कुराहट। मैंने भी मुस्कुरा के देखा, थी बस तेरी आहट। पहली मुलाकात की, तेरी वो घबराहट। बाहें फैला के देखा तो, थी बस तेरी आहट। तेरी नजरो में देखा था, थी बहुत चाहत। इस दिल को आज भी सुनाई देता है, बस तेरी आहट। तुमने जो रूठने की, मुझसे की शरारत। गया जो मनाने तुमको तो, थी बस तेरी आहट। करता रहा हमारे प्यार के लिए, खुदा से ईबादत। ऐसा लगा तुम आ गई, बस थी तेरी आहट। बिता कर कुछ पल तुम्हारे साथ, हो गई तेरी आदत। महसूस जो किया तुमको, तो थी बस तेरी आहट                         🎍💑💑🌹💑💑🎍                            🎍अशवनी साहू🎍

🏄🏻🏄🏻

मैं ठहरा रहा समुंदर के किनारे पर, पर वक्त का दरिया बहता रहा। खामोश थी समुंदर की लहरें, और चुपचाप से कुछ कहता रहा। खड़ा रहा मैं अनजान बनकर चुपचाप, देखकर मेरी उदासी, वो इशारा कर गया। सहमा रहा दुनियां के डर से, मैं यही हूँ, और सब कुछ बह गया। 🏄🏻🏄🏻🏄🏻🏄🏻🏄🏻🏄🏻🏄🏻🏄🏻 🎍🌹अशवनी साहू 🌹🎍

🌹प्यार की याद🌹

कुछ इस तरह से हुई, हमारे मोहब्बत की शुरुवात। मैं देखता रह गया, और तुमने कह दी अपने दिल की बात। हमारी पहली मुलाकात का, क्या वो खूबसूरत नज़ारा था। ऊगता हुआ सूरज था, मोहब्बत भरा समुंदर का किनारा था। जब से मिले थे हम, हर दिन होता था प्यार की सौगात। चैन एक पल भी नही मिलता, जब तक नही होती तुमसे बात। मिलने की चाहत में तुमसे, जागकर बिताई है हमने कई रात। याद आती है मुझे आज भी, हमारी हर एक मुलाकात। वक्त खुशी से बीत रहा था, पता नही था संसार का। हम तो मोहब्बत में अंधा हो गए, और क्या हो गया प्यार का। प्यार इतना था कि, हम एक-दूसरे के बाहों में जकड़ गये। लगी जो किसकी नजर बुरी, कि हम पल भर में बिछड़ गये।                   🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹                      🌻🌹अशवनी साहू🌹🌻

😷😷 *छोटे उपाय* 😷😷

                  😷😷 *छोटे उपाय* 😷😷 दुनियां म जम्मो डहर छाये हे कोरोना,        बात ल समझना हे, न घबराना हे, न डरोना। चाहत हव ऐखर अऊ जल्दी मुक्ति पाना,         तो बड़ जरूरत हे, किछ सावधानी अपनाना। बन्द करव बिना मतलब के आना-जाना,         थंडा चीज ले रहव, गरमा-गरम खाव दाना। नई मिलाना हे कोखरो ले हाथ, नई मिलना हे गला,         नाक-मुँह बन्द कर, दुरिहा ले नमस्ते करना हे सही कला। सबले बढ़ीया हावय की जम्मो ल घर म ही रहना,           पाना हे मुक्ति कोरोना ले, तव मानव डॉ. मन के कहना। आवत हव अगर बाहिर ले तो, बिल्कुल साबुन ले हाथ धोना,         नई राखहु सावधनी तो, पड़ही मौत के सैय्या म सोना। एक-दूसर ले दूरी बना के, ऐखर चैन ल हे तोड़ना,          घर म रह के चुप-चाप, येला मरे बर हे छोड़ना।               😷😷😷😷😷👨🏻‍🚀😷😷😷😷?...

🙏🌹🌹 *मुरली* 🌹🌹🙏

                              🙏🌹🌹 *मुरली* 🌹🌹🙏 कान्हा तेरी मुरली जो बजती है, शुबह-शाम। सुनते-सुनते तेरी मुरली की धुन, पूरा होता है काम। राधे-राधे जपने के शिवा, नही बचा कोई काम। मेरा हर कार्य सिद्ध हो जाता है, लेते ही तेरा नाम। मथुरा-वृन्दावन की गलियों में गूंजता है, राधे-श्याम। ये जादू है तेरी मुरली का मोहन, जो चेहरे पर है मुस्कान।                                        2                  🌻🌻🌻🌻🌹🌻🌻🌻🌻 माता सीता ह श्री राम संग बनवास म,         चलत हे जंगल अऊ खेत। जिहां उमनला मिलगे सोन मिरग,          रावण, ममा मारीज संग होगे भेंट। लगगे बाण श्री राम प्रभु के,          मारिज मिरग पड़े हावय अचेत। माता सीता के हरण होगे,     ...

🌹👁🌹

तुम हमेशा छुपाती रही,          पर छिप न सका नजरो से। खुशबू नही है इन फूलों में उतना,          जितनी महक आती है तेरी गजरों से। तुम छिपाती रह गई मेरी मोहब्बत को दिल मे,       पर तेरी नजरो ने मुझसे कह दिया। जल कर जी रही हूं आपकी मोहब्बत में,        जैसे जलता है दिया। अब तुमको कुछ कहने की जरूरत नही,        तुम ही बनोगी मेरे दिल की रानी। जमाना भले ही दुश्मन बन जाये हमारी मोहब्बत का,         पर शुरू होगी प्रेम कहानी।              🌹🌹🌹🌹🌹👁🌹🌹🌹🌹🌹                           👁अशवनी साहू👁

🤡 *कोरोना* 🤡

                         🤡 *कोरोना* 🤡 बड़े-बड़े दौर गुजरे है जिन्दगी के,               यह दौर भी गुजर जाएगा। थाम लो अपने पांव को घरो में,              कोरोना भी थम जाएगा। जिद्द न करे इस बात की,              कि ये हमारा क्या बिगाड़ पायेगा। घूमते रहे जो यूं पागलो की तरह,              तो अपनी हालत भी इटली-अमेरिका जैसे हो जाएगा। सब्र रख लिया जाये कुछ दिन अगर,                     तो यह महामारी मिट जायेगा। छायेंगे जरूर कुछ दिन दुख के बादल,              पर अंत मे सबका भला हो जायेगा। हिम्मत से सब मिलकर करेंगे मुकाबला,             तो हमसे कोरोना भी हार जायेगा। नही रहने देंगे कही पर भी निशान,              ...

*ज्ञान के गोठ*

*ज्ञान के गोठ*  लइका मन के भविष्य खातिर,              करथे ज्ञान के दान। शिक्षक होथे दिया बरोबर,              सब ल ज्ञान बाँटथे एक समान। सुरुज बरोबर जलना हे, जेखर काम। मास्टर, गुरुजी, टीचर अऊ हे ऐखर नाम। दुनियां सबले बड़े होथे ज्ञान के दान। शिक्षक के काम होथे बड़ महान। शिक्षक जइसे दिया अऊ बाती, ओखर दिए ज्ञान सुख:-दुःख के साथी। जिनगी म कतको बड़े विपत्ती आ जाये जइसे हाथी। काम आथे गुरु जी के दुवारा दिए गए ज्ञान के बाती। गुरू जी बताईस एकला रहे ले, टूट जाथे कतको पोठ लाठी। जुर-मिल के रहे म, जम्मो के भलाई हे साथी। मानवता बड़े होथे नई होवय जाति। जम्मो ल मर के बनना हे एक दिन माटी।      (2) छत्तीसगढिया हावय संगी सबले बढ़िया। मीठ बर मीठ नई तो साप असढिया। नांगर-बइला के संग गाड़ी कोर्रा हे निशान। अपन मेहनत म संझा-बिहिनिया करथे काम। दिन ल शुरू करथे बोलके हे-राम! शुते के बेरा कहिथे भोलेनाथ भगवान। जउन ल मान लिस अपन मित-मितान। ओखर खातिर ...

🙏🌹🙏*शत-शत नमन* 🙏🌹🙏

🙏🌹🙏*शत-शत नमन* 🙏🌹🙏 कुर्बानियां तुम्हारी व्यर्थ न जाने दूंगा, खाता हूं ये कसम। वतन के खातिर दे दी अपने जान की कुर्बानी,                                             तुमको शत-शत नमन। जान भले ही दे दूंगा पर मिटने नही दूंगा वतन। ऐ- देश के खातिर बलिदान देने वालो,                                 तुमको शत-शत नमन। तुम्हारी कुर्बानियों के कारण खिल रहा है हमारा ये वतन। वतन के खातिर जिस माँ ने अपना पुत्र दिया,                                              उनको शत-शत नमन। हम घर मे मनाते रहे तीज-त्यौहार, तुमने अपने खून से धोये चरण। किस्मत वालो को मिलता है ये मौका,                          ...

देख लिया तुमसे दूर रहकर

                           ❤❤🌹❤❤ देख लिया तुमसे दूर रहकर,             भटकता रहा गलियारों में। जब भी आया ख्याल मरने का मन मे,             सम्भाल लिया मेरे यारो ने। क्यो नही समझ पाया मुझसे,              दूर जाने के तुम्हारे इशारो को। बहुत समझाया लोगो ने मुझे,             पर मैने गलत समझा उन बिचारो को। अंधा हो गया था मैं             कुछ इस तरह तेरी मोहब्बत में। तुम कहती रही कुछ और,             जो देख न सका डूबकर मेरी आँखों ने। तुम तो आजाद हो गई,              जो चली गई मुझे छोड़कर। मत आना वापस कभी मेरी जिंदगी में,               जो गई हो जहर घोलकर। आज तोड़ दिया हमने भी सारे कस्मे,           ...

🌹🌹मेहंदी🌹🌹

                          🌹🌹मेहंदी🌹🌹  मेहंदी लगा के बइठे हस गोरी,                        तै मोर इंतजार म। तोला लेगे बर आवत हव गोरी,                    बाराती संग कार म। अइसे मेहंदी लगाबे गोरी,             उतरय झन सावन-आषाढ म। आये हव लेगे बर तोला मैं,              भटक झन तै बेकार म। जतका चढ़ते मेहंदी के रंग,             बढ़ जाथे उतके प्रेमी के प्यार। तोर मया ल पाये के खातिर,             तड़पे हव महू कई बार। मेहंदी लगाये देख के तोला,              तोर सँगवारी घलो लगावत हे। लेगे बर आये हे तोर मयारू,              कहिके तोला बड़ चिढ़ावत हे। इंतजार के घड़ी आज सिरागे,   ...

योगा

                         🙏🙆🏻‍♂ *योग* 🙆🏻‍♂🙏 अच्छा स्वस्थ शरीर पाना हे संगी,                    चलव करबो सब योग। मांस-मंदिरा ले हमन दूर रहिबो,                  तब दूर रही सब रोग। बड़े बिहनियां ले उठ के,                  चलव आसन लगा के करबो योग। जुर-मिलके स्वस्थ समाज बनाबो,                  दूर करबो सब मनु रोग। संझा-बिहनियां करे बर,                  झन भुलाहु हर रोज। बड़े-बड़े बीमारी दूर होथे,                  वो कर्म ल कहिथे योग। जउन करथे संसार म,             अपन कर्म समझ के योग। जम्मो बीमारी हार जाथे,              कभु नई होयव ओला रोग। साफ-स...

गोंदा के फूल

                       🎍🏵️गोंदा के फूल🏵️🎍 बड़ महकत हे गोरी,                 तोर गोंदा के फूल। तै मोला भूल जा,                 पर मैं नई पाहुँ भूल। आगे हे सावन महीना,                  झूले तै झूलना के झूल। रेंगत हस तै झुलाक़े बेनी,                  लगाए गोंदा के फूल। बात का हे तोर दिल म,                    बता दे झन जाबे तै भूल। बड़ सुंदर दिखत हे तोर चेहरा,                   लगाये गोंदा के फूल। सोनहा पहिरे नाक म नथिनी,                    कान म पियर झुल। तोला देख मन बइहागे,                    लगाए गोंदा के फ...

मया के लाज

                  🎍🎍🌻🌹🌻🌹🌻🎍🎍 देख-देख के मोला टुरी,                    काबर तै मुस्काथस। मैं देखथव तोला तव,                   काबर बड़ लजाथस। आँखि ले ईशारा करके,                  मोला अपन पास बुलाथस। मैं आथव तोर पास जब,                   तव तै दुरिहा चले जाथस। गोठियाहू कहिके मोर संग,                        दूसर संग गोटियाथस। रही-रही के काबर टुरी,               अइसे मोर जीव ल जलाथस। अपन मया ल बताहू कहिके,                  मन म हिम्मत जगाथस। दाई-ददा के इज्जत खातिर,                      चुपचाप रही जाथस। जानत हव मैंहा रे ग...

हम

                           😭 *_गम_* 😭 मिलता है यहाँ दुनियां में  सबको गम,           रखना संभाल के गर मिल  जाये कही हम। शिकायत नही होगी कभी अपनी जिन्दगी से,            जिस दिन आयेंगे तुम्हारे जीवन मे हम। सबको मिलता है, यहाँ बराबर न ज्यादा न कम।           हमको भी मिला है जीवन मे, क्योंकि इंसान है हम।। जिन्दगी भी जिन्दगी नही लगती, बिना गम।           व्यर्थ न बिताओ अपने जीवन को, लो आ गये हम।। पीने को बहुत कुछ है जिन्दगी में, नही पीना रम।           आवाज देना सच्चे दिल से, दौड़े चले आयेंगे हम।। तकलीफ है बहुत जिन्दगी में, नही होगी खत्म।            अब आसान हो जायेगी ज़िन्दगी, लो आ गये हम।। कभी शिकायत नही करना जिन्दगी से, बहुत है गम।            तुम देखो जरा पलट कर, पीछे खड़े है हम।।       ...

ईमानदारी

                🌹🎍🌹 * ईमानदारी   * 🌹🎍🌹 चला था आज एक बार फिर मैं,                 अपनी ईमानदारी को बेचने। सजा हुआ था झुठ से बाजार,            सच की कितनी है कीमत देखने। लोगो ने झुठ की बोलियां ऐसी लगाई,                कि कुछ भी नही बचा बाजार में। किसी ने नही खरीदा मेरी ईमानदारी को,                   निकाल फेंका लाखो-हजार में। बहुत कहा लोगो ने मुझे,           किस काम की तेरी ये ईमानदारी। बेच दे इसे आज करके बेईमानी,          कही भूखी न मर जाये घर मे माँ बेचारी। हे माँ! क्यो नही सिखाया मुझे,          झुठ बोलना और करना चोरी। सोया नही जब भी मैं जमाने से हारकर,            क्यो सुनाती थी तू सच्चाई की लोरी। अब तू ही बता माँ! क्या करूँ,         ...

दीवानी

                  🎍🎍🌹🌹🌹🌹🌹🎍🎍 चाहूंगा मैं तुम्हे इस कदर कि,                   तू मेरी दीवानी हो जाएगी। शुरुवात ही करूँगा मैं अपनी मोहब्बत का,               पूरी कहानी हो जाएगी। याद करेगा जमाना मेरी मोहब्बत को,              लैला मजनू की तरह। तड़प देखकर मेरी मोहब्बत का,      लोगो की जुबान पर मेरी गीत आएगी। ये तो बस शुरुआत था ,         और तुमको लगा पूरी कहानी हो गई। तुम चाहते-चाहते किसी और को,                 मेरे ख्यालो में खो गई। मेहरबान हुआ खुदा कुछ इस तरह,          लोग सोचते रह गये, और तुम मेरी बाहों में सो गई। यही नही रुका शिलशिला मेरी मोहब्बत का,          सुन कर मेरी मोहब्बत का दाशतान, तुम भी अपनी आंखें भिगो गई।                 ...

वतन पे मरना

               🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂🙅‍♂ अरे! हम मरते है इस वतन पे,                      तू किसपे मरता है। मौत तो सबकी निश्चत है,                 फिर किस बात से डरता है। करना ही है प्यार अगर तुम्हें,               तो अपने वतन की मिट्टी से करो। सचमुच देना चाहतो हो जान,               तो अपने वतन के खातिर मरो। जो लड़ते हो घर मे लड़ाई,                   वो तो बेवजह है। लड़ना है तो सरहद पर चलो,                 उसका अपना अलग ही मजा। यू न बैठो तुम निठ्ठलो की तरह,                यही तो सबसे बड़ी सजा है। सिर कटा दो इस देश के खातिर,             जिसकी पहचान ये तीन रंग की ध्वजा है। यू शांत न होने देना तुम, ...

तोर बारी के पताल

            🥦🍅🥦 *तोर बारी के पताल* 🥦🍅🥦 पेड़ दिखत हे हरियर-हरियर,               फरे हावय लाले-लाल। खाय म बड़ मिठाथे गोरी,                  तोर बारी के पताल। देख के तोला गली-खोर म,                 कइसे होवत हे बवाल। कइसे देवत हस तेला बता,                   तोर बारी के पताल। जम्मो ले बर कुददे परत हे,                 नाचत हे सब कमाल। अऊ कब आबे बेचे बर तैहा,                   तोर बारी के पताल। का होगे हे ये टुरा मन ल,         कहिथें चुम लेतेंव तोर गाल। साग-भाजी लेना तो बहाना हे,      मैं तो लेहु तोर बारी के पताल। महू पहुँच गेव तोर गली म,           कहिथे बबा का हल-चाल। एके बार म समझ आगे,   ...

*छत्तीसगढ़ के माटी*

                   🌹 *छत्तीसगढ़ के माटी* 🌹 जय हो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी,               चीर देखाये तै अपन छाती। तोर ले हावय, दिया संग बाती,              जय हो, मोर छत्तीसगढ़ के माटी। खेलथे जिहा बबा संग नाती,              कुद-कुद के भौरा बाटी। इहि माटी ले बने हे, हाथी अऊ चांटी,             बड़ अनमोल हे, संगी छत्तीसगढ़ के माटी। जनम-जनम के, संग देवइया हे साथी,           मर के मिल जबो, बन जबो माटी। पांव के पहिरे म बने लागथे साटि,          खेले म मजा आथे, छबाते जब चिखला-माटी। राऊत कका जाथे, चराय बर धर के लाठी,            चिल्ला के कहिथे, नई दिखय तोर आँखी। ये धरती के गोदी म, बसे हे कई जाति,              मैं तोला नवा-वव माथा, मोर छत्तीसगढ़ के माटी।        ...

कोरोना के रोना

                     *😷कोरोना के रोना😷*               👾👾👾👾👾🥶👾👾👾👾👾 💩का होगे छाये हे दुनियां म,               कोरोना के कहर। जो कहत हव बात सही हे,                 काबर लागत हे जहर। 😍खुश रहव घर म,                 झन जाव कोनो डहर। नई लागत हे गांव-गली,                    अऊ न कोनो शहर। 😴अब का होही दुनियां के,                 चलत हे यही लहर। बचाही अब कोन दुनियां ल,                 झेलव अब प्रकृति के कहर। 🧐लहर-तहर एको नजर,               सब कहत हे हमरो डहर। कुकरी मिलत हे सस्ता,               हो सकत हे कोरोना के असर। 😤दुनियां के जम्मो काम पड़गे थंडा, ...

बेटी

                         *🙎🏻🙎🏻🤰🙎🏻🙎🏻* मोर घर म जनम लेके बेटी, धन्य करे  तै मोला। तोर जनम के खुशी म घर सजाहू, जम्मो बारी कोला।। आज पांचवा दिन जम्मो झन मिलके, मनाबो तोर छठठी। मिले ये खुशी के मौका म, नेवता देहु जम्मो येला-ओला।। बनगे हस तहि मोर जिनगी बेटी, अऊ तहि मोर नानक लोला। स्कूल म तोर नाम लिखाहु, जाबे पढे बर धर के झोला।। रहत ले मोर घर के बेटी, कमा-कमा के करहु तोर पालन-पोषन। पढे बर जा बेटी, पढ़-लिख करबे मोर नाव रोशन।। खेले-कूदे के दिन सिरागे, पढ़ाई होगे आज तोर पुरा। उमर होगे हे बिहाव के, देखे बर आये हे ददा संग टुरा।। मोर आँखि ले आँशु बोहागे, मोला छोड़ जाबे फटगे छाती। जा माइके के लाज रखबे बेटी, रोज जलाबे दिया-बाती।। तोर ले बिछड़े के दुख म, बेटी आज जम्मो रोवत हे। बड़ भागमानी होथे वो पिता, कन्यादान कर पाप धोवत हे।। घर म जतका दिन ले रहे, बने रहे घर के महारानी। जावत हस ससुराल बेटी, सूरता आही मइके के कहानी।।                        ?...

मोर मन के मैना

                 🐥🐥🐥🐥🐧🐥🐥🐥🐥 का बात हे गोरी, तै मोला कहिना!                मैं तोला माने हव, मोर मन के मैना। दूर रहिके तोर ले, नईहे पीरा सहना!              मया होगे हे तोर ले, मोर मन के मैना। उड़ के कहा चले गयेस,रस्ता देखत हे मोर नैना!                कब मिलही तोर एक झलक, मोर मन के मैना। जबले आये तै मोर जिनगी म, उड़ गेहे मोर चैना!                  तोर ले नईहे कही शिकायत, बनबे मोर मन के मैना। मिले बर तोर से, सपना देखथे मोर नैना!                जम्मो डहर तहि दिखथस, मोर मन के मैना। चुरी पहिर ले मोर नाव के, अऊ पहिर ले गहना!              बिहा रचाहू तोर संग, मोर मन के मैना।                    🎍🎍🌻🌹🐧🌹🌻🎍🎍       ...

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🙅‍♂ *वीर जवान* 🙅‍♂

                            🙅‍♂ *वीर जवान* 🙅‍♂ जय हो-जय हो जय हो, हमर भारत के वीर जवान।          रक्षा करथव हमर देश के, बचाथव हमर प्राण।। आंधी आवय-तूफान आवय, चाहे फट जाय आसमान।           डटे रहिथव देश के रक्षा बर, हमर देश के वीर जवान।। अपन सब-कुछ ल त्याग के, देवत हव बलिदान।            बइरी मन ल धूल चटा के, रक्षा करथे वीर जवान।। घर-परिवार ल अपन छोड़ के, लड़े बर जावत हे मैदान।             खून बहाथे अपन देश के रक्षा खातिर, हमर वीर जवान।। हमर देश के रक्षक परिवार हे, कोनो मजदूर, कोनो किसान।             पूरा जोश के साथ मैदान म खड़े हे, हमर वीर जवान।। देश भक्ति करे बिना, मानय नही दिल नादान।               अपन प्राण ल त्याग के, रक्षा करथे हमर वीर जवान।।    👮👮🏻‍♀👨🏻‍✈👩‍✈💂🏻💂🏻‍♀🙅🏻💂🏻‍♀💂🏻👩‍✈👨🏻‍✈👮🏻‍♀👮 ...

🌧🌹🌧मया के बरसात🌧🌹🌧

               🌧🌹🌧मया के बरसात🌧🌹🌧 तोर-मोर होईस जब पहली मुलाकात,             अइसे लागथे जइसे, होवत हे मया के बरसात। होईस जबले हमर मिले के सुरुवात,              लागथे अइसे, होवत हे जइसे मया के बरसात। खाये रहेन कसम, दुनो जीबो साथ-साथ,               किरिया खा के कहत हव, होवत हे मया के बरसात। नई पूछे तै-नई पुछेव मैं, एक-दूसर ले जात-पात,              हमेशा मया बनाय रखबे गोरी, होवत रही मया के बरसात। मिल के रहे ले तोर-मोर, कखरो कुछु नई हे जात,               जबले तै मिले हच गोरी, लागथे होवत हे मया के बरसात। हमर मया के गोठ ल, जम्मो गोठियावत हे आवत-जात,            जमाना बइरी ल गोठियान दे, होवन दे मया के बरसात। मया के छाता लाये हव, आजा ओढ़ ले मोर साथ,                छाये हे प्रीत के बादर, होवन दे...

वो कहती है,

वो कहती हैं, किसी और गली जाने लगे हो।             ऐसी वो कौन सी बात है, जो छिपाने लगे हो।। खाये थे वो जो मिलकर कसमे, रोज मिलने की।               क्या हुआ जो, मुझे देखकर  मुँह छिपाने लगे हो।। वो जो कहती थी कभी रोयेंगे न हम, तेरे जाने के बाद।              कोने में सब से छुप-छुप कर, जो आंसू बहाने लगे हो।। वो जो कहते थे, नही सुनेंगे गीत दुख भर, तुमसे बिछड़ के।               आज गली-गली में भटक कर दर्द-भर गीत गाने लगे हो।। कुछ तो ऐसी बात होगी उसमे, जो चली गई मुझे छोड़कर।               पर सुना है याद करके मेरी मोहब्बत को, पछताने लगे हो।। काश सलाह ले ली होती, जाने से पहले मुझे छोड़कर।               ये आह है! तेरे दीवाने की, जो तुम दर-दर की ठोकरे खाने लगे हो।।          🙏🌻🌹🌹🌹💚💔💚🌹🌹🌹🌻🙏               ...
तोर बिना रानी जिनगी के,             कइसे होही गुजारा वो। सोच के मोला बड़ दुःख लागे,               रोथे ये दिल बेचारा वो।। तोला कइसे तरस नई आईस।             कोन बइरी तोर मन ल भाईस।। काखर बात मान के तै,            छोड़े मोला बेसहारा वो। सोच के मोला बड़ दुःख लागे,               रोथे ये दिल बेचारा वो।। बिना मौत के मारे मोला तै।            काबर डगा म डारे मोला तै।। मजधार म डोंगा फ़सगे,             मिलत नईहे किनारा वो। सोच के मोला बड़ दुःख लागे,               रोथे ये दिल बेचारा वो।। तोर मया म सबकुछ लूट गे।             मोर तो जिये के आसा टूट गे।। का होगे नींद नई आवत हे।               घड़ी म बजगे बार वो।। तोर सिवा नई देखव कोनो ल,        ...

❤💚 *होली* 💚❤

                       ❤💚 *होली* 💚❤ आगे होली तिहार संगी,           लगाबो मया-खुशी के रंग। चार दिन के जिनगानी हे,             खेलबो होली संगी-जहुरिया के संग। लेबो भगवान भोले के नाम,            अऊ जम्मो मिल के पीबो भंग। बगरबो अपन मया के खुशबू,             मचाबो होली वाले हुडदंग। छाये हे जम्मो ल होली के नशा,            जम्मो डहर दिखत हे रंग-बिरंग। खेलहु होली लागहु प्रेम रंग,             खाबो रंग-रंग के रोटी झन पीहू मन्द।                  🌹❤❤💧🌧💧❤❤🌹                                     🌻अशवनी साहू🌻

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👩‍👩‍👧‍👧 *नारी* 👩‍👩‍👧‍👧

                              👩‍👩‍👧‍👧 *नारी* 👩‍👩‍👧‍👧 🤰वाह रे नारी, वाह रे नारी,            तोर ये समाज म उपकार हे भारी। 🤱🏻कतको अत्याचार करिस मानव समाज,          चुपचाप सहिस सब ल बेचारी।। 👨‍👦‍👦बेटा चाही-बेटा चाही, के          समाज ल होगे हे बीमारी। 👩‍👧‍👧मूरख हे ये समाज सपना          पुरा कइसे होही बिन नारी।। 🤰नौ महीना ले कोख म राख             के बने तै हमर महतारी। 🤱🏻अपन खून पियाए ये दुनियां              म लाये बर पीरा सहे भारी।। 🙅🏻पत्नी के रूप म रक्षा करे,              मौत के आगु खड़े तन के। 👧🏻तहि सबके मयारू-दूलोरिन कहाये                हमर रानी बेटी  बन के।। 👸🏻तहि हमर बहिनी बन,            ...

❤💚तोर संग💚❤

                         ❤💚तोर संग💚❤ ❤जबले तोला देखे हव गोरी,             चढ़ गेहे मोला तोर रंग। 🧡नींद नई आवय मोला,             लागथे मया हो गे हे तोर संग।। 💛करे कुछू नई सकथव मैं,                   ध्यान होंगे हे मोर भंग। 💚अइसे नशा छाये हे मोला                  काबर मया होगे हे तोर संग।। 💙कहिथे दाई-ददा संगी-जहुरिया,               बदले-बदले लागत हे तोर रंग। 💜नजरें-नजर म तोर चेहरा झूले,                दिल मोर चले गए तोर संग।। 🖤देखे के मन नई करे अऊ काहि,                उतर गे हे मोर मन के उमंग। 💔तोर सूरता म खोये हव,                 सुध-बुध ल भुलागेव तोर संग।। ❣नई जानव का होही मोर,    ...

*दाई-ददा*

                🙏👨🏼‍🦳👩🏻‍🦳 * दाई-ददा * 👩🏻‍🦳👨🏼‍🦳🙏 पांव परत हव मोर दाई अऊ ददा,               जउन मोला ये दुनियां म लाये हव। धन्य होगेंव मैं तुहर आशीष पा के,                 चरण म माथा ल नवाये हव। दाई हावय मोर धरती तो,                 ददा मोर हावय आसमान। तुंहर मन के संग रहत ले,                नई बिगड़य हमर कुछू काम। करे हावव धन्य आज मोला,                गुरु अऊ गोविंद के अंतर बता के। चुकाहू कइसे करजा ल तूहर,                 मोर अंग बनायेव अपन खून लगा के। हाथ जोड़ के विनती ...

*गाँव*

                        💎💎 *गाँव* 💎💎 दुनियां भर म सबले सुघ्घर हे हमर गांव,               जिहा प्रसिद्ध हे दाई महामाई, अऊ ओखर अचरा के छांव। बड़े बिहिनिया ले कउआँ करथे कांव-कांव,               मनखे मन उठ के चलाथे पोंगा रांव-रांव। लइका मन बिहिनिया ले उठ के परथे पाँव,            बड़े मन के आशीर्वाद ले, मिलथे सुख के छांव। दीदी-बहिनी मन बिहिनिया ले, करथे घर के साफ-सफाई,                 सब मिल के जाथे खेत-खार करे बर कमाई। भात-साग खाये बर, लइका मन करथे खांव-खांव,             हमर गांव के यज्ञ के चर्चा होवत हे गांव-गांव। अपन लइका बर पल-पलाथे दाई-ददा के मया-भाव,             गर्मी के घाम ले बचाथे, रुख-राई के छांव। होथे बैठक गांव के विकास बर, ग्राम हे जेखर नाव,             चलव चली गोदी-माटी...

*सु-विचार*

                   🙏🌻 * सु-विचार * 🌻🙏 कोखरो तरक्की देख मत जलव। जलना हे त सूरज जइसे जलव ।। गुरु जी वो दिया जइसे होथे, जो खुद जलके अपन विद्यार्थी मन ल ज्ञान के अंजोर देथे। हर इंसान ल पानी जइसे होना चाहिए, जउन बहुत शांत,सरल, अऊ अपन करम जो हे बोहाय के हे करथे। जम्मो डहर ज्ञान के नदी बोहत हे संगी, देरी हे बस हमर समझे अउ जाने के। जिनगी के कोनो ठिकाना नई हे सँगवारी, तेखर सेती कहिथे आवत-जावत एक-दूसर ले गीठियात बतावत रहव।

दारू

                     🥃🍷🍸 * दारु * 🍸🍷🥃 🍺जगह-जगह म होयत हे दारु के शोर।             का गरीब का अमीर, कोन शरीफ हे कोन चोर।। 🍻चौक-चौराहा म जुरिया के करत हे, तोर चर्चा।                 न धरम-न करम , होवत हे पहली तोर बर खर्चा।। 🥂हिन्दी-अंग्रेजी म अलग-अलग हे तोर नाम।               घर-परिवार ल बिगाड़ना, अऊ बर्बादी करना हे तोर काम।। 🍷कलयुगी मानुष बर, तै अमृत सामान।                पहली पीना हे दारू, बाद में होही सब काम।। 🥃तोर सेती होवत हे, सबके बेइज्जती।               तोला पीके घर म झगरा हे, जावव कोन कोती।। 🍸बने हावय मन्दिर तोर दुनिया भर म।     ...